Sunday 22 December 2013

जीवन परिचय

                    जीवन परिचय
                    राम शंकर त्रिवेदी

         22 जुलाई सन् 1933 ईसवी को खीरी जनपद के ग्राम भीखमपुर में इनका जन्म हुआ। इनके पिता का नाम श्री केदारनाथ त्रिवेदी था। वे एक सामान्य परिवार के व्यक्ति थे, किन्तु सादगी और सरलता उनके जीवन के अंग थे। राम शंकर त्रिवेदी ने प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद शेष सम्पूर्ण शिक्षा स्वाध्याय द्वारा प्राप्त की। इन्होंने हिंदी तथा संस्कृत विषय में परास्नातक किया। प्रारम्भिक शिक्षा के उपरान्त ये अध्यापन कार्य में लग गये। प्राथमिक विद्यालय से लेकर इन्टरमीडिएट कालेज तक अध्यापन कार्य किया। युवराज दत्त इन्टर कालेज ओयल खीरी में संस्कृत प्रवक्ता पद पर रहकर एक सफल अध्यापक का जीवन व्यतीत किया।इनकी लोकप्रियता एवं शत प्रतिशत परीक्षाफल को देखते हुए इन्हें राज्य सरकार द्वारा "दक्षता - पुरस्कार " से सम्मानित किया गया। सन् 1963-64 में एक वर्ष के लिए राजकीय इन्टर कालेज अमरोहा उ. प्र. में अध्यापन कार्य किया। प्रबन्ध समिति युवराज दत्त इन्टर कालेज ओयल द्वारा इनकी योग्यता एवं व्यवहार को देखते हुए इन्हें उसी पद पर पुनः वापस बुला लिया गया और फिर सेवानिवृति तक यहीं रहे। बचपन से ही इनकी काव्य प्रतिभा झलकने लगी थी। उसमें दिन प्रतिदिन निखार आता गया। और उस क्षेत्र  में " कवि जी "उपनाम से प्रसिद्ध हुए। यहां के जनमानस में इनकी पहचान एक कवि, विद्वान,एवं सरल व्यक्तित्व वाले सफल शिक्षक के रूप में है।सन् 1994 में सेवानिवृत होकर ये वर्तमान समय में टीचर्स कालोनी ओयल में ही रहकर काव्य साधना कर रहे हैं। इन्होंने लगभग 500 फुटकर कविताओं के अतिरिक्त कई खण्ड काव्य लिखे हैं। इनकी प्रकाशित रचनाएँ निम्न हैं _
    1- वीराग्रणी राणा।
    2-प्रयास।
    3-लघु गीत संग्रह।
    4-नववर्ष। (उपन्यास)
    5-स्मृति।
    6-भर्तृहरि शतक का पद्यानुवाद।
    7-अमर शहीद। (खण्ड - काव्य)
इसके अतिरिक्त अन्य रचनायें जो सम सामयिक विषयों पर लिखी गई हैं, अप्रकाशित हैं।
खडी बोली के अतिरिक्त इनके अवधी एवं बृजभाषा के गीत विशेष रूप से लोकप्रिय रहे हैं। इनके लिखे दो गीत आकाश वाणी लखनऊ द्वारा प्रसारित किये गये थे जिनकी विशेष सराहना की गयी थी। ( ये दोनों गीत आगे दिये जायेंगे)। लखनऊ विश्व विद्यालय में शोध छात्रों के द्वारा इन पर दो " लघु शोध प्रबन्ध " भी लिखे गये हैं। समय - समय पर इनको कई प्रतिष्ठित सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जाता रहा है।

        यहां पर इनके व्यक्तित्व की कुछ असाधारण विशेषताओं  का वर्णन करना समीचीन प्रतीत होता है -
        1- इनकी अद्भुत स्मरण-शक्ति।
        2-इनकी अद्भुत श्रवण -शक्ति।
        3-शस्त्र - संचालन की कुशलता एवं अचूक -
             निशाना।
        4-अद्भुत सकारात्मकता एवं साहस।
        5-अद्वितीय वक्ता।
पारिवारिक स्थिति  - इनके परिवार में पत्नी, चार पुत्रियां एवं एक पुत्र है। ये सभी विवाहित हैं तथा प्राथमिक से लेकर उच्च - शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त इनके दो पौत्र, चार नवासे एवं चार नवासिया हैं। इनके स्नेह एवं आशीर्वाद से सिंचित इस परिवार में इनके संस्कार व अनुशासन की विरासत परिलक्षित होती है।  ---            डा. नीलम त्रिवेदी  ( पुत्री) 

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